Search Results for : आर्यन वर्मा

अपनी दास्ताँ सुनाते हैं

चलो आज शायरी की हवा बहाते हैं,
तुम उठा लाओ मीर ग़ालिब की नज़्में,
और हम अपनी दास्ताँ सुनाते हैं।

वो राम की खिचड़ी

वो राम की खिचड़ी भी खाता है,
रहीम की खीर भी खाता है,
वो भूखा है जनाब उसे,
कहाँ मजहब समझ आता है।

अपनी मौत का पैगाम

रूह ए इश्क़ का अंजाम तो देखो
अपनी मौत का पैगाम तो देखो,
खुदा खुद लेने आया है जमीन पर
ये टूटे दिल का इनाम तो देखो।

महफ़िल से रुखसत

यूँ चले जाते हैं
अपनी ही महफ़िल से रुखसत होकर
यूँ दिल को लगाकर
जलाना कोई उनसे सीखे।

सनम की ख़ुशी

मेरा दिल भी कितना भोला है टूट कर रोते हुए भी,
अपने सनम की जिंदगी की ख़ुशी की दुआ मांगता हैं।